Army helicopter filled with water from Bhimtal lake and proceeded towards the forests of Nainital to extinguish the fire.
नैनीताल। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के जंगल इन दिनों आग से धधक रहे हैँ। प्रदेश का वन महकमा वनाग्नि से निपटने के लिए जो कसरतें कर रहा है वह नाकाफी हैं। ऐसे में वन विभाग अब जंगलों में विकराल होती आग को काबू करने में बेबस नजर आ रहा है। बेकाबू होती आग को बुझाने के लिए आखिरकार आपदा के समय अंतिम विकल्प के रूप में सामने आने वाली सेना को ही मोर्चा संभालना पड़ा। अब सेना के हेलीकॉप्टरों से पानी भरकर जंगलों की आग को बुझाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
भीमताल झील से पानी लेकर पहला हेलीकॉप्टर नैनीताल की ओर रवाना हुआ
शनिवार सुबह से ही सेना के हेलीकॉप्टरों ने भीमताल, सातताल व नकुचियाताल से पानी लेने को रेकी शुरू कर की। साढ़े सात बजे भीमताल झील से पानी लेकर पहला हेलीकॉप्टर नैनीताल की ओर रवाना हुआ। फिलहाल दो हेलीकॉप्टर झील से पानी लेकर जंगलो में धधकती आग को बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस ने मुनादी करवा कर नौकायन बंद रखा
गौरतलब है कि बीते शाम जिला प्रशासन में नैनीताल, भीमताल, सातलाल और नकुचियाताल झील में नौकायन बंद कराकर झील से पानी लेने संबंधित कागजी प्रक्रिया पूरी की। देर शाम को नैनी झील और भीमताल में सेना के हेलीकॉप्टरों ने रेकी की। मगर अंधेरा हो जाने के कारण झील से पानी उठाने में सफल नहीं हो सके। शनिवार सुबह दोबारा अभियान शुरू हो गया। पुलिस ने मुनादी करवा कर नौकायन बंद रखा। सुबह करीब 6:30 बजे सेना के हेलीकॉप्टरों ने रेकी भी शुरू कर दी। कई चक्कर लगाने के बाद 7:30 बजे सेना का पहला हेलीकॉप्टर भीमताल झील के ऊपर पहुंचा। जहां से उसने बकेट में पानी भरा और नैनीताल की ओर रवाना हो गया। फिलहाल दो हेलीकॉप्टरों से पानी भरकर जंगल की आग को पानी की बौछार से बुझाने का प्रयास कर रहे हैं।