Dhami government has become active to stop the fire in the forests of Uttarakhand.
देहरादून। उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल से लेकर कुमाऊं क्षेत्र के जंगलों में आग ने हाहाकार मचाया हुआ है। जंगलों में लगी आग विकराल रूप धारण करती जा रही है। उधर वनाग्नि के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार की सक्रिय हो गई है। शनिवार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने हल्द्वानी में वनाग्नि को रोकने के लिए समीक्षा की तो वहीं वन मंत्री सुबोध उनियाल ने देहरादून में अधिकारियों के साथ रणनीति बनाई।वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) ने वन मुख्यालय के मंथन सभागार में हुई समीक्षा बैठक में वन विभाग के सभी कार्मिकों की छुट्टियां रद्द करने के आदेश दिए है। उन्होंने निर्देश दिए कि कि वनाग्नि प्रबंधन समितियों से वीडीओ को भी जोड़ा जाए। इससे उनकी भागीदारी भी वनों में अग्नि नियंत्रण में हो सकेगी। राज्य में अभी तक 415 वनाग्नि प्रबंधन समितियां गठित की जा चुकी हैं। मंत्री सुबोध उनियाल ने वनों को आग से बचाने में व्यापक जनसहयोग की जरूरत भी बताई और जनता से इसके लिए आगे आने का आह्वान किया।
(Forest Minister Subodh Uniyal ने राज्य में वनों में हुई आग की घटनाओं का ब्योरा रखा
वन मुख्यालय में हुई समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में वन मंत्री उनियाल ने राज्य में वनों में हुई आग की घटनाओं का ब्योरा रखा। उन्होंने कहा कि सभी डीएफओ को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि कहीं भी आग की घटना सामने आने पर वे स्वयं मौके पर जाकर इस पर नियंत्रण सुनिश्चित कराएं। इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। अग्नि नियंत्रण के लिए सभी प्रभागों को बजट जारी किया गया है। मानव संसाधन में वृद्धि के मद्देनजर अब तक 3983 फायर वाचर भी तैनात किए गए हैं। अग्नि नियंत्रण के लिए सेना से बात की गई है। जरूरत पडऩे पर सेना की मदद ली जाएगी।
अग्नि दुर्घटनाओं में रिस्पांस टाइम कम करने पर जोर
उन्होंने बताया कि वनाग्नि प्रबंधन समितियों का सहयोग लेने का बैठक में निर्णय लिया गया। इसके लिए अधिकारियों से सकारात्मक कार्रवाई की अपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि वनों में अग्नि दुर्घटनाओं में रिस्पांस टाइम कम करने पर जोर है, ताकि आग पर तत्काल काबू पाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य की 11203 वन पंचायतों को भी सक्रिय किया गया है। वन और जन के रिश्ते को मजबूत करने के लिए सरकार फारेस्ट फ्रैंडली नीतियां लागू कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सभी वन प्रभागों के डीएफओ को निरंतर सक्रिय रहने और अग्नि नियंत्रण में आमजन का सक्रिय सहयोग लेने को कहा गया है।