अल्मोड़ा: मात्र 24 साल की उम्र में मां भारती के लिए कमल भाकुनी ने दिया बलिदान

Martyr Kamal Bhakuni
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मणिपुर में नक्सली मुठभेड शहीद हुए अल्मोड़ा निवासी  कमल का पर्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

अल्मोड़ा। मणिपुर में नक्सली मुठभेड शहीद हुए अल्मोड़ा निवासी  कमल भाकुनी का पर्थिव शरीर गुरूवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। अल्मोड़ा के चनौदा के बुंगा गांव में जब शहीद के शव को लाया गया, तो पूरे गांव की आंखें आंसुओं से भर आईं। मात्र 24 साल की उम्र में मां भारती की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कमल अपने पीछे अपनी मां और पिता को छोड़ गए हैं।

Almora soldier Kamal Bhakuni martyred in Manipur

अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के रहने वाले थे कमल

16 कुमाऊं रेजिमेंट के जवान कमल सिंह भाकुनी अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के रहने वाले थे। वो वर्तमान समय में वो मणिपुर में तैनात थे। बताया जा रहा है की 3 अप्रैल को एक मुड़भेड़ में उनके सिर पर गोली लगी और वो शहीद हो गए। परिवार जनों की मानें तो वो 25 दिन पहले ही घर से ड्यूटी पर गए थे। लेकिन किसी को मालूम नहीं था कि कमल अब कभी नहीं लौटेंगे। उनके जाने के बाद उनके परिवार पर तो मानो गमों का पहाड़ टूट गया है। हालांकि अभी पिता को गर्व इस बात का है कि उनका बड़ा बेटा प्रदीप भाकुनी भी सेना में सेवायें दे रहा है।

सोमेश्वर विधायक और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने शहीद को  दी श्रद्धांजलि

राज्य सरकार की तरफ से सोमेश्वर विधायक और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य शहीद को श्रद्धांजलि देने कमल भाकुनी के पैतृक निवास पहुंचीं, जहां उन्होंने शहीद जवान के पार्थिव शरीर को नमन कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उनके आवास से लकड़ी पड़ाव स्थित श्मशान घाट ले जाया गया। पूरे रास्ते भर कमल भाकुनी अमर रहे के नारे लगते रहे।

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