Smoke from forest fire in Uttarakhand became a hindrance for the Air Force.
पौड़ी। जिले के जंगल आग से सुलग रहे हैं। आग पर काबू पाने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में आग बुझाने के लिए वायु सेना की मदद ली जा रही है। लेकिन चारों तरफ धुआं होने के कारण वायु सेना का ऑपरेशन अग्निपथ दूसरे दिन शुरू नहीं हो सका है। मंगलवार सुबह 6 बजे वायुसेना को हेलीकॉप्टर एमआई 17 से आग बुझाने का ऑपरेशन शुरू करना था, लेकिन लो विजिबिलिटी के कारण पांच घंटे तक हेलीकॉप्टर हेलीपैड पर ही खड़ा रहा।
मंगलवार को वायु सेना के हेलीकॉप्टर एमआई 17 ने उड़ान भरी
बता दें कि मंगलवार सुबह 11 बजे के आसपास वायु सेना के हेलीकॉप्टर एमआई 17 ने उड़ान भरी, लेकिन लो विजिबिलिटी के कारण श्रीनगर की एक बार टोह लेने के बाद ऑपरेशन को फिर बंद करना पड़ा। अब वायु सेना धुआं हटने का इंतजार कर रही है। वहीं, वायु सेना के सामने धुआं और बड़े-बड़े बिजली के टावरों में झूलते हुए तार भी समस्या बनकर उभर रहे हैं। एमआई 17 से लटकी बेबी बास्केट को भी वायु सेना को संभालकर उड़ाना पड़ रहा है। ये बेबी बास्केट हेलीकॉप्टर से 20 मीटर लंबी तारों से लटकी हुई रहती है।
पौड़ी के रिजर्व फॉरेस्ट के डीएफओ अनिरुद्ध स्वप्निल ने बताया कि सोमवार को भी लो विजिबिलिटी थी. जिसके कारण दो बार ही आग बुझाने के लिए ऑपरेशन चलाया गया था। जैसे ही धुआं हटता है, वैसे ही वायु सेना आग को बुझाने का कार्य शुरू कर देगी। उन्होंने कहा कि हवा में धुंध काफी है। जिसके कारण एमआई 17 को उड़ाने में पायलटों को दिक्कतें उठानी पड़ रही है।